मोहब्बत उनकी

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ज़िक्र उनका हवाओं जैसा है एक बार हो जाए तो घायल मन को मरहम लग जाए,

दिल उनका समंदर जैसा है एक बारी डूब जाओ तो मेरावला कहता है की दुनिया भुला दी जाए ,

चाहत उनकी ज़हर जैसी है एक घुट से जान न गई तो जीवनभर शहद सा ज़हर ही ज़हर हो जाए ,

आवाज़ उनकी शायर की शायरी जैसी एक बार सुनकर मन कैसे भर जाए ,

अल्फाज़ उनके खुदा की नमाज़ जैसे एक बार कानो में पढ़ जाए तो आत्मा तृप्त हो जाए ,

मोहोब्बत उनकी अमृत जैसी एक बार चखले तो सारा नशा हर एक मदिरा भूल जाए।

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