ये उसकी ही माया है ,
ये उसका ही जग जंजाल है,हम तो बस नियति के निमित एक अतिरिक्त मात्र पात्र है,
हम तो बस एक पथिक है जो कर्म पथ पर चलायमान एक रथ में आसीन मात्र है,
हम तो बस माया से विस्मृत स्मृती भंग परमात्मा की आत्मा मात्र है,
हम तो बस इस जग-जीवन से बंधित मनुष्य मात्र है,
हम तो बस एक माध्यम मात्र है,ये सब अगर तेरा है तो आखिर मेरा क्या है,
ये उसकी ही माया है किंतु कर्म आज भी मेरा है,ये उसका ही जग जंजाल है किंतु पौरुष रूपी प्रयास आज भी मेरा है,
ये सब भले ही उसका है किंतु मोक्ष मार्ग पर चलने का प्रयास आज भी मेरा है,
ये प्रयास आज भी मेरा है,
प्रयास आज भी मेरा है।
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सिला-ए-दिलगि
Poetryलोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...