जिन्हें प्यार माना उन्होंने ही छोड़ दिया,
जिन्हें प्यार माना उन्होंने ही तन्हा कर दिया,जिन्हें रूह का आफताब माना उन्होंने ही ज़िंदगी में अंधेरा कर दिया ,
जिन पर सर्वस्व न्योछार दिया उन्होंने ने ही सीने में मानो खंजर सा दाग दिया,
जिन के होने से जीवन को एक हसीन ख़वाब माना उन्होंने ही सारे ख़्वाबों को कांच समझ तोड़ दिया,
जिनकी आंखों के अंगारों से मैंने कई शाम शमा जलाई उन्होंने उन ही अंगारों से हमे खाख कर दिया,
जिन पर सौ खुदाओं से ज्यादा यकीन था उन्होंने ही विश्वास का विष चखा दिया,
उन्होंने ही हमे फन्हा कर दिया ,
उन्होंने ही हमे तन्हा कर दिया।
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सिला-ए-दिलगि
Poetryलोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...