जो शक्ति मुझे में थी उसे जागृत करा है आपके इस अपमान ने ,
जो वाक्य मेरे कंठ में स्थब्द थे उन्हे मेरे होटों से निकलवाया आपके इस दुर्व्यवहार ने,
जो आक्रोश की ज्वाला को हलाहल मान हृदयधरा था उसे जवलंत किया आपके इस अचरण ने,
जो कटु निर्णय लेने से आशंकित था मन उसकी शंका का निर्वाण किया है आपके इस दुराचार्ण ने,
आपके उस ताड़ना-प्रताड़ना की मैं आभारी हु वह न होता तो मैं सदेव अबला ही रह जाती,
आपको नमन मुझे इन बंधनों से मुक्ति प्रधान करने हेतु वरना मैं तो सदेव अखियां बंद करे रह जाती,
वरना मैं तो सदेव आपकी दासी मात्र बन रह जाती।
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सिला-ए-दिलगि
Poesieलोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...