किसे याद करे उसे जिसे भुलाया ही ना गया हो कभी बताओ उसे याद भी करे तो कैसे करे,
किसे याद करे उसे जिस की यादें बस्ती है आज भी ख्वाबों में बताओ उसके ख़्वाब भी कैसे देखा करे,
किसे याद करे उसे जो जहन से उतरता ना बताओं उन ज़हेनासीब को याद भी करे तो कैसे करे,
अब बया कर भी दो ना मेरे यार की याद करे तो भला कैसे करे?
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सिला-ए-दिलगि
Poetryलोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...