ये तुमने

48 8 30
                                    

उफ! उनके कजलनुमा बालो को उन्होंने कुछ इस कदर गजरे की कैद से रिहा किया मानो घटा के सारे काले मेघा चमन से रिहा हो ज़मीन पर आ उतरे हो हए! ये तुमने क्या किया ,

उफ! उन काली मेघवर्णित जुल्फों में उन्होंने इस कदर अपनी शमशीरनाशी हाथो को फेरा की ये दीवानी ने अपना होश दो पल भुला दिया ये तुमने क्या किया ,
ये तुमने क्या किया होले–होले से जिया को ही हर लिया ,

उफ! ये तुमने क्या किया ?

सिला-ए-दिलगि जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें