वो कसक इश्क में ही है जो इंसान को शब्दों का वली बना दे ,
वो कुवत-ए-इश्क ही है वो अदम को लफ्जों से खेलना सीखा दे,
वरना हम में इतनी कशीश इतना खुमार कहां की अल्फाज़ पिरो नगमा बना दे,
वरना हम में इतनी कुवत कहां की स्याही से इंसान को फनी से बाक़ा कर दे।
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सिला-ए-दिलगि
Poetryलोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...
वो कसक
वो कसक इश्क में ही है जो इंसान को शब्दों का वली बना दे ,
वो कुवत-ए-इश्क ही है वो अदम को लफ्जों से खेलना सीखा दे,
वरना हम में इतनी कशीश इतना खुमार कहां की अल्फाज़ पिरो नगमा बना दे,
वरना हम में इतनी कुवत कहां की स्याही से इंसान को फनी से बाक़ा कर दे।