दिल कहता है

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दिल कहता है झूठ मत बोल,दिमाग कहता है की सच मत बोल इसी दिलो दिमाग की कश्मकश में मैं जीवन भर कुछ कह ही न पाया ,

ज़माना बीत गया जीवन बीत गया मेरी इस कहानी का फ़साना बीत गया पर मैं कुछ कह ही न पाया,
दिल कहता है झूठ मत बोल दिमाग कहता है सच मत बोल,

मेरा यार निगाहों ही निगाहों में मुझ से रोज ये कहता है मेरे यार कुछ तोह बोल ,
मेरे प्यार कुछ तोह बोल

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