अधूरे

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तेरे बिन अधूरे हैं हम जैसे अधूरा है ये असमा बिना अफाक के,

तेरे बिन अधूरे हैं हम जैसे अधूरा है ये जहां बिना इसे बनाने वाले के,

तेरे बिन अधूरे हैं हम जैसे अधूरा है ये ख़्वाब बिना इसे सजाने वाले के,

तेरे बिन अधूरे हैं हम जैसे ये आंखे राह देख रही हो तेरे दीदार के लिए,

तेरे बिन अधूरे हैं हम जैसे ये सांसे चल रही हो तेरे वापस लौट कर आने की आस के लिए,

तेरे बिन अधूरे हैं हम की अब लगता है मानो जैसे तेरी झलक से पूरा हो थम जाएंगे दर्दभारी सांसे मेरी।

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