मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने नसीब-ए-क़िताब से अपना नसीब चुराया है,
मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने ज़िंदगी-ए-बेरुख से लड़कर अपनी ज़िंदगी को चुराया है,
मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने जहान-ए-बेहैरत से छिपाकर अपनी मेहरम को जहान से चुराया है,
मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने मोहोबत-ए-जाहिलिया के लिए अपना सब कुछ लुटाया है,
मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने इश्क़-ए-ज़हर के खातिर अपने हाथो खुद ही ज़हर खाया है,
मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने इस रोज़-ए-ब्दनसीब के नसीब में कसीदा-ए-इश्क़ पिरोया है,
मेरे ज़हेनासीब वो है जिन में मैंने अपना सब कुछ खोकर पाया है ,
जिन्होंने मुझे कुछ न देकर भी सब कुछ दिया है वो मेरे ज़हनसीब है,
वो मेरे ज़हेनासीब है।
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सिला-ए-दिलगि
कवितालोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...