मेरे ज़हेनासीब

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मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने नसीब-ए-क़िताब से अपना नसीब चुराया है,

मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने ज़िंदगी-ए-बेरुख से लड़कर अपनी ज़िंदगी को चुराया है,

मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने जहान-ए-बेहैरत से छिपाकर अपनी मेहरम को जहान से चुराया है,

मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने मोहोबत-ए-जाहिलिया के लिए अपना सब कुछ लुटाया है,

मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने इश्क़-ए-ज़हर के खातिर अपने हाथो खुद ही ज़हर खाया है,

मेरे ज़हेनासीब वो है जिन्होंने इस रोज़-ए-ब्दनसीब के नसीब में कसीदा-ए-इश्क़ पिरोया है,

मेरे ज़हेनासीब वो है जिन में मैंने अपना सब कुछ खोकर पाया है ,

जिन्होंने मुझे कुछ न देकर भी सब कुछ दिया है वो मेरे ज़हनसीब है,

वो मेरे ज़हेनासीब है।

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