मेरे हमनफज़

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मेरी रूह में तुम बस गए हो हमनफज़ की तरह,

मेरी दिल की तमन्ना हैं की छू लूं तुम्हे पल-पल दिल में उठती ख्वाइश की तरह,

मेरी अब ये ही आरज़ू है की जब दूर जाऊं तुमसे चली जाए ये जान जहां से किसी टूटे खवाब की तरह,

मेरी रूह में बस गए हो हमनफज़ की तरह,

मेरी जिंदगी-ए-दो दिन में रहना मेरे हमसफर की तरह,

मेरे साथी-मेरे हमनवा की तरह।

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