यह तो सत्य है की मानव प्रेमवश हो अग्निसानान को गंगासनान मान करले,
यह तो सत्य है की मनुसूत प्रेमावेश हो हर पाप को पुन्य मान करले,
यह तो सत्य है की नर प्रेमाधीन हो हर सीमा को लांघ असंभव को संभव करले,
यह तो सत्य है की व्यक्ति प्रेमासत हो हर समुद्र को तालाब मान पार करले,
यह तो सत्य है की मनुष्या प्रेमग्रस्त हो अपनी प्रिया के मनविथा के हरण हेतु स्वर्गस्न छोड़ नरकवास भी करले,
यह तो सत्य है की मानव प्रेमवश प्रेम का ही त्याग कर दे अंतोगत्व प्रेम त्याग ही तो है चल वही करले।
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सिला-ए-दिलगि
Poetryलोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...