मेरा

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मेरा अस्तित्व ना था आपसे पहले आपको खो कर फिर मैंने धूमिल हो जाना है,

मेरा जीवन तो जन्म से ही वीराना था आपको खो कर फिर सूनापन इसमें भर जाना है,

मेरा सब कुछ तो आपकी एक दृष्टि में ही आपने हर लिया था आपको खो के मुझमें क्या रह जाना है,

मैं कैसे छोर सकती हूं आपको मेरी तो हर श्वास में बसा आपका नाम है,

मेरे हृदय में आपका वास हैं,
मेरी सांस-सांस में आप है।

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